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देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शुक्रवार को राजभवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत गोद लिए गए 13 टीबी रोगियों को मासिक पोषण किट वितरित की। इस अवसर पर राज्यपाल ने रोगियों से व्यक्तिगत बातचीत कर उनकी कुशलक्षेम पूछी और उन्हें उपचार के दौरान नियमित पौष्टिक आहार एवं संतुलित जीवन शैली अपनाने की सलाह दी।
राज्यपाल द्वारा अभी तक गोद लिए गए 50 देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शुक्रवार को राजभवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत गोद लिए गए 13 टीबी रोगियों को मासिक पोषण किट वितरित की। इस अवसर पर राज्यपाल ने रोगियों से व्यक्तिगत बातचीत कर उनकी कुशलक्षेम पूछी और उन्हें उपचार के दौरान नियमित पौष्टिक आहार एवं संतुलित जीवन शैली अपनाने की सलाह दी।
राज्यपाल द्वारा अभी तक गोद लिए गए 50 टीबी रोगी पूरी तरह स्वस्थ होकर टीबी मुक्त हो चुके हैं। इस महत्वपूर्ण पहल को आगे बढ़ाते हुए, राज्यपाल ने 13 और टीबी रोगियों को गोद लिया है, जिन्हें आज मासिक पोषण किट प्रदान की गई। उन्होंने इस अभियान के तहत अभी तक कुल 63 रोगियों का निःक्षय मित्र बनकर उन्हें गोद लिया है। राज्यपाल ने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रदेश को टीबी मुक्त बनाना है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति यदि एक टीबी रोगी का निःक्षय बनकर उसके इलाज और पोषण में सहयोग करे, तो हम इस दिशा में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने जन भागीदारी को टीबी उन्मूलन का आधार बताते हुए सभी नागरिकों से निःक्षय मित्र बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि यह अभियान हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है, जिसे हम सब मिलकर अवश्य सफल बनाएंगे। इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. महावीर सिंह, डॉ. ए.के. सिंह, टीबी एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड की महासचिव पूनम किमोठी, और जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. मनोज वर्मा उपस्थित रहे।टीबी रोगी पूरी तरह स्वस्थ होकर टीबी मुक्त हो चुके हैं। इस महत्वपूर्ण पहल को आगे बढ़ाते हुए, राज्यपाल ने 13 और टीबी रोगियों को गोद लिया है, जिन्हें आज मासिक पोषण किट प्रदान की गई। उन्होंने इस अभियान के तहत अभी तक कुल 63 रोगियों का निःक्षय मित्र बनकर उन्हें गोद लिया है। राज्यपाल ने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रदेश को टीबी मुक्त बनाना है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति यदि एक टीबी रोगी का निःक्षय बनकर उसके इलाज और पोषण में सहयोग करे, तो हम इस दिशा में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने जन भागीदारी को टीबी उन्मूलन का आधार बताते हुए सभी नागरिकों से निःक्षय मित्र बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि यह अभियान हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है, जिसे हम सब मिलकर अवश्य सफल बनाएंगे। इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. महावीर सिंह, डॉ. ए.के. सिंह, टीबी एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड की महासचिव पूनम किमोठी, और जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. मनोज वर्मा उपस्थित रहे।

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