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PM performs darshan, pooja and viewing of Himalaya at the winter seat of Maa Ganga in Mukhwa, Uttarakhand on March 06, 2025.

स्थानीय बोली और भाषा के साथ वेशभूषा भी वही

उत्तरकाशी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालांकि अपने अलग अंदाज के लिए भी जाने जाते हैं लेकिन आज उत्तराखंड के दौरे के समय वह अत्यधिक भाव विभोर दिखे। प्रधानमंत्री ने यहां स्थानीय भाषा शैली में लोगों का स्वागत किया वहीं वह यह कहना भी नहीं भूले कि हर्षिल की इस धरती से जब दीदी और भुल्लियों द्वारा उन्हें राजमा और अन्य पहाड़ी उत्पाद भेजे जाते हैं तो मुझे भी यहां आकर लगता है कि मैं अपने परिवार के बीच आया हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत गंगा मैया के जयकारों से क, वही वह जब मंच पर पहुंचे तो लोगों ने मोदीकृमोदी की गूंज से पूरे वातावरण को ही गूंजायमान कर दिया। प्रधानमंत्री ने आज यहां एक ट्रैकर्स रैली व वाहन रैली को भी हरी झंडी दिखाई प्रधानमंत्री ने पहाड़ी निवास पहने और ब्रह्मकमल की टोपी भी पहनी। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि 1962 के चीन युद्ध के दौरान दो सीमावर्ती गांवों को खाली कराया गया उन्हें सबने भुला दिया था लेकिन उन्होंने मलिंगा लाल और जनक ताल को फिर आबाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमने परंपरा को बदला है। अब सीमांत गांव अंतिम नहीं प्रथम गांव होते हैं तथा हमने उनके विकास के लिए वाइब्रेट योजना शुरू की है जिसमें इस क्षेत्र के 8-10 गांव आते हैं। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर सांसद तथा राज्य मंत्री भी उपस्थित रहे।

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