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स्वास्थ्य मंत्री डॉ रावत बोले, 5 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की शत-प्रतिशत बनेगी आभा आईडी

देहरादून। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत हेल्थ रिकॉर्ड लिंकेज में उत्तराखंड देशभर में दूसरे स्थान पर है जबकि पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश काबिज है। राज्य में 74 लाख से अधिक हेल्थ रिकॉर्ड आभा आईडी नेटवर्क से लिंक हो चुकी है। इसके अलावा आभा आईडी, अस्पतालों व चिकित्सकों का पंजीकरण, आभा आधारित ऑनलाइन ओपीडी पंजीकरण आदि विभिन्न श्रेणियों में उत्तराखंड ने पांच चरण सफलतापूर्वक पूरे कर लिये हैं। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नियमित विभागीय समीक्षा व मार्गदर्शन का नतीजा है कि प्रदेश ने यह उपलब्धि हासिल की है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत अपेक्षाकृत कम आबादी होने के बावजूद उत्तराखंड देशभर में हेल्थ रिकॉर्ड लिंकेज के मामले में दूसरे पायदान पर है। जबकि पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश काबिज है। इसके अलावा तीसरे स्थान पर गुजरात, चौथे पर बिहार और पांचवें स्थान पर महाराष्ट्र है। उत्तराखंड में अबतक 74,14,923 से अधिक हेल्थ रिकॉर्ड आभा आईडी नेटवर्क से लिंक किये जा चुके हैं, जो प्रदेश के लिये बड़ी उपलब्धि है। हेल्थ रिकॉर्ड लिंकेज होने से लाभार्थी को देशभर के किसी भी अस्पताल में चिकित्सक के साथ अपनी हेल्थ रिपोर्ट शेयर कर सकेंगे और अपनी बीमारी के बारे में सलाह ले पाएंगे। इसके साथ ही रोग की जांच, लैब रिपोर्ट, उपचार एवं दवाईयां आदि घर बैठे ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर सकेंगे।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुताबिक राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा प्रदेश में आयुष्मान भारत के अंतर्गत चार जनपदों में 7 माइक्रोसाईट चल रही है। जिसमें देहरादून हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जनपद में 2-2 तथा नैनीताल जनपद में एक माइक्रोसाइट चल रही है। जिनके माध्यम से तेजी से इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड बनाये जा रहे हैं। यही वजह है कि कम आबादी होने के बाद भी उत्तराखंड हेल्थ रिकॉर्ड लिंकेज में अग्रणी राज्यों में शुमार है।
डिजिटल मिशन के तहत प्रदेश के विभिन्न चिकित्सालयों में स्कैन एंड शेयर सुविधा का लाभ मरीज उठा रहे है। इस सुविधा के तहत अबतक राज्य में 6,72,796 मरीजों ने अपना ओपीडी पंजीकरण कराया। इन मरजों ने बिना लाइन में लगे और बिना अपना विवरण दर्ज कराये अस्पताल में सीधे ओपीडी पंजीकरण प्राप्त किया और चिकित्सक से चिकित्सा परामर्श और उपचार का लाभ उठाया। वर्तमान में यह सुविधा एम्स ऋषिकेश, राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून, श्रीनगर, अल्मोड़ा, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन) देहरादून, पंडित हरगोविंद पंत जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा, एवं उप जिला चिकित्सालय रूड़की में संचालित है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में अबतक 70,50,119 लोगों की आभा आईडी तैयार की जा चुकी है। जिसमें नैनीताल में 879901, देहरादून 1393101, पौड़ी 501662, बगेश्वर 201714, चम्पावत 189247, चमोली 273103, उत्तरकाशी 225388, पिथोरागढ़ 332858, हरिद्वार 1181607, टिहरी 395329, रूद्रप्रयाग 156641, अल्मोड़ा 387970 तथा ऊधमसिंह नगर में 911668 लोगों की आभा आईडी जनरेट की जा चुकी है। इसके अलावा 19930 आभा आईडी के जनपदों का चिन्हिकरण किया जा रहा है।
प्रदेश में आभा आईडी के साथ-साथ डॉक्टर्स, नर्सेज व आशा वर्करों का भी डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। इन्हें डीजी-डॉक्टर के रूप में मिशन में पंजीकृत किया जा रहा है। अभी तक प्रदेश में 8317 हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स रजिस्टर्ड किये जा चुके हैं। इसके अलावा तमाम चिकित्सालयों, क्लीनीक, जांच सेंटर, प्रयोगशालाओं, इमेजिंग सेंटर, फार्मेसी का भी पंजीकरण कराया जा रहा है। जिसके तहत अबतक 7423 हेल्थ फैसलिटी रजिस्टर्ड हो चुकी है।
अपेक्षाकृत कम आबादी होने के बावजूद हेल्थ रिकॉर्ड लिंकेज के मामले में उत्तराखंड ने देशभर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। जो लोगों के स्वास्थ्य के प्रति राज्य सरकार की संवदेनशीलता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सरकार ने प्रदेश में शत-प्रतिशत लोगों की आभा आईडी बनाने का लक्ष्य तय किया है ताकि लोगों को डिजिटल माध्मम से भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचाया जा सके।
– डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।

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